बच्चों को फास्ट फूड नहीं, दूध-घी खिलाएं
बच्चों को फास्ट फूड नहीं, दूध-घी खिलाएं
बचपन में मिला उचित पोषण न केवल आपके शरीर को तंदरूस्त बनाता है बल्कि आपके शरीर की लंबाई और बनावट को भी तय करता है। इसमें कोई दो-राय...
कैसे करें बच्चों से बातचीत?
कैसे करें बच्चों से बातचीत?
बातचीत करना भावनाओं की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है। इसके जरिये अंतर्मन की इच्छाओं का पता चलता है। खासतौर पर जब बच्चे बातचीत करते हैं तो एक तरफ उनकी...
संस्कारी होते हैं बुजुर्गों की छत्र-छाया में पलने वाले बच्चे
संस्कारी होते हैं बुजुर्गों की छत्र-छाया में पलने वाले बच्चे
बड़े-बुजुर्गों के आशीषों और शुभकामनाआें के साथ ही घर तरक्की करते हैं, लेकिन इनकी उपस्थिति का सबसे ज्यादा सकारात्मक प्रभाव छोटे बच्चों की परवरिश पर...
बीमार होने पर पति-पत्नी एक दूसरे का दें साथ
बीमार होने पर पति-पत्नी एक दूसरे का दें साथ
शादी अपने साथ कई प्रकार की चुनौतियां लेकर आती है और यदि पति, पत्नी में से किसी एक को गंभीर बीमारी हो जाए तो मामला पेचीदा...
शादी से पहले उम्मीदें
शादी से पहले उम्मीदें
एक-दूसरे से अलग होते हुए भी स्त्री और पुरुष साथ चलते हैं, परिवार और रिश्ते निभाते हैं, मगर उनकी चाहतें अलग-अलग होती हैं। सफल रिश्ते के लिए दोनों को ये पता...
सदाबहार चुस्ती-फुरती से जीना सीखें
सदाबहार चुस्ती-फुरती से जीना सीखें
भूख लगने पर ही खाएं:-
चुस्ती फुरती हेतु खाना तभी खाएं जब आप भूख महसूस करें। भूख न होने पर जबरदस्ती भोजन न ठूंसें। इससे शरीर आलसी होता है और पेट...
टर्म इंश्योरेंस: परिवार का रोटी, कपड़ा और मकान रहेगा हमेशा सुरक्षित
टर्म इंश्योरेंस: परिवार का रोटी, कपड़ा और मकान रहेगा हमेशा सुरक्षित Term Insurance: The bread, clothes and house of the family will always be safe
आज के समय में इंश्योरेंस घर-घर में गूंजने वाला नाम...
परिपक्वता जरूरी है सास बनने से पहले
परिपक्वता जरूरी है सास बनने से पहले Maturity is necessary before becoming a mother-in-law
जिंदगी में एक ऐसा समय भी आता है जब बच्चे बड़े हो जाते हैं और मां-बाप अपने सामाजिक उत्तरदायित्व पूरे करने...
दूसरों की सुविधा का ख्याल रखें
दूसरों की सुविधा का ख्याल रखें ( Take Care of others )
हमारे समाज में कई लोगों को दूसरों को परेशान करने की बहुत बुरी आदत होती है।
वे सिर्फ अपनी ही सुविधा का ख्याल रखते...
समझौता मात्र नहीं है सुखमय वैवाहिक जीवन
समझौता मात्र नहीं है सुखमय वैवाहिक जीवन
वैवाहिक जीवन आपसी सद्भाव, पारस्परिक सहयोग, प्रेम एवं विश्वास, दांपत्य संबंधों की आधारशिलाएं होती हैं। इन में से यदि एक भी शिला टूटती है तो संबंध तिनके तिनके...
घर का जश्न सुरक्षित भी, शानदार भी – फादर्स-डे विशेष (20 जून)
घर का जश्न सुरक्षित भी, शानदार भी - फादर्स-डे विशेष (20 जून)
कोरोना काल में हम कोई भी जश्न बाहर कहीं भी नहीं मना सकते।
बाहर से खाना मंगवाना भी जोखिम भरा है। ऐसे में कोरोना...
कैसे बनें अच्छे पिता -फादर्स-डे विशेष (20 जून)
कैसे बनें अच्छे पिता -फादर्स-डे विशेष (20 जून)
एक अच्छा पिता बनना कोई आसान बात नहीं है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपके बच्चे की उम्र क्या है या आपके कितने बच्चें हैं, आप...
माँ से अच्छा ट्यूटर कोई नहीं
माँ से अच्छा ट्यूटर कोई नहीं
अपने बच्चों को महंगे पब्लिक स्कूलों में पढ़ाने की लालसा आज इस कदर बढ़ चुकी है कि माता-पिता अपने तीन साल के कलेजे के टुकड़े को किसी न किसी...
अगर पत्नी कमाती है पति से ज्यादा
आधुनिक युग में लड़कियां भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। वे किसी से कम नहीं रहना चाहती। चाहे क्षेत्र नौकरी का हो, खेलों का या बिजनेस का, वे हर क्षेत्र में अपना...
बच्चे को सिखाएं ‘पैसा नहीं हैं सबकुछ’
बच्चे को सिखाएं ‘पैसा नहीं हैं सबकुछ’ ( Make Your Child Learn How Money Works )
बच्चे को पैसे जोड़ने की आदत सीखना जरूरी होता है। लेकिन साथ ही एक काम और जरूरी होता है।...
बच्चों को हार स्वीकारना भी सिखाएं
बच्चों का मन कोमल और भावुक होता है। उन्हें समझने की जरूरत है और माता पिता से बेहतर उन्हें कौन समझ सकता है। अपनी आकांक्षाओं को उन पर लादने के बजाय उनका मन टटोलें।...
बचपन से ही बेटियों में आत्मविश्वास भरना बेहद जरूरी
आज के समय में बेटियों का पालन पोषण और उनका सही तरीके से मार्गदर्शन करना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। इस बदलते दौर में बेटियों में बचपन से ही आत्मविश्वास भरना बेहद जरूरी...
बच्चों की परवरिश अच्छे माहौल में करें
कहते हैं कि बच्चे मन के सच्चे होते हैं अर्थात उनके मन में जो भाव आता है वे वैसा ही बर्ताव करते हैं।
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार यदि माता-पिता उन पर हर वक्त पाबंदी या टीका-टिप्पणी...
शादी के बाद बनें ‘हैप्पी कप्पल’
रिश्तों को और बेहतर बनाना मुश्किल काम नहीं। बस कुछ छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखना होगा और इसकी शुरूआत आपको रिश्ते में बंधने के पहले दिन से ही करनी होगी। इस दुनिया में कोई...
क्र ोध के परिष्कार के लिए लीजिए निर्जीव वस्तुओं का सहारा
महाभारत में कुरूक्षेत्र के युद्ध की समाप्ति के उपरांत पांडव श्रीकृष्ण के साथ धृतराष्टÑ के पास आए और अत्यंत विनम्रतापूर्वक खड़े हो गए। धृतराष्टÑ ने भीम को अपने पास बुलाया। श्रीकृष्ण ने देखा कि...